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अर्जुन की छाल में कार्डियोप्रोटेक्टीव और हृदय को मजबूत करने वाले कई गुण होते है। इस औषधि का इस्तेमाल लगभग दिल संबंधी कई रोगों के उपचार के रूप में किया जाता हैं। चलिए आज हम आपको टर्मिनलिया अर्जुन से होने वाले कुछ स्वास्थ्य फायदों के बारे में बताते है, जिनके बारे में शायद ही आप जानते हो।
हृदय संबंधी रोगों के उपचार के लिए अर्जुन की छाल काफी कारगर साबित होती हैं क्योंकि इसमें हृदय को स्वस्थ और दिल को मजबूत करने वाले गुण होते है। यह हृदय की मांसपेशियों को मजबूत करने और हृदय द्वारा खून को पूरे शरीर में पहुंचाने की क्षमता में वृद्धि करता हैं। इसके अलावा इसके सेवन से हार्ट अटैक का खतरा भी दूर रहता हैं। रोज सुबह-शाम 3 ग्राम अर्जुन की छाल का पानी पीने से हृदय में सूजन और ब्लाकेज की समस्यां भी नहीं होती। लिपिड डिसऑर्डर
लिपिड डिसऑर्डर यानी शरीर में उच्च कोलेस्ट्रॉल और ट्रायग्लिसराइड्स वसा की मात्रा या तो ज्यादा होना या कम होना हैं। अगर इनका स्तर शरीर में अधिक है तो हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है। यदि आप लिपिड डिसऑर्डर से जूझ रहे है तो अर्जुन का अर्क लेने से काफी फायदा मिलेगा।
उच्च रक्तचाप जो दिल को नुकसान पहुंचा सकता हैं। हाई ब्लड प्रैशर के मरीज को अक्सर स्ट्रोक, हार्ट अटैक, किडनी डैमेज की प्रॉबल्म होने का खतरा बना रहता हैं। ऐसे में अर्जुन की औषधि में मौजूद प्रोटीन व अन्य गुण हाई बल्ड प्रैशर को कम करने में सहायक होते हैं।
जब आप व्यायाम करते हैं तो अर्जुन औषधि आपके एनर्जी लेवल को बढ़ा देता है। एक शोध के मुताबित, जिन लोगों ने 2 हफ्ते तक लगाकर अर्जुन का अर्क पीया तो उनके ऑक्सीजन को ग्रहण करने की क्षमता 4.9% बढ़ गई। एरोबिक और कार्डियोवैस्कुलर एक्सरसाइज करते समय शरीर को ऑक्सीजन की जरूरत अधिक होती है। ऐसे में अश्वगंधा के साथ अर्जुन की छाल लेने से शरीर की मांसपेशियां को एनर्जी मिलती हैं और व्यायाम करते समय शरीर को जितनी ऑक्सीजन की जरूर होती है, उतनी प्राप्त होती हैं।
अगर आप अपने ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल रखने के लिए हर मुमकिन कोशिश कर चुके है तो इस बार अर्जुन की छाल इस्तेमाल करके देखें। शोध का कहना है कि अर्जुन किडनी में ग्लूकोज के लेवल को ठीक करके ब्लड शुगर को कम करता हैं। इसकी छाल में मौजूद टैनिन, फ्लैवोनोइड्स और सैपोनिन जैसे ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म में शामिल एंजाइमों को मिलाने में मदद करते हैं।रोज रात को सोने से पहले इसकी छाल और देसी जामुन के बीजों का चूर्ण बनाकर खाने से शुगर कंट्रोल में रहती है।